मास्टर चंदगीराम

भारत मे महिला कुश्ती शुरू करने वाला परिवार 



हरियाणा प्रदेश के जिला हिसार के गांव सिसाय से लेकर पूरे विश्व मे जाना जाने वाला ये परिवार है मेरा सबसे पसंदीदा परिवार मास्टर चंदगीराम जी का कालीरामण परिवार । परिवार के मुखिया मास्टर जी ने 1970 एशियाई खेलों में गोल्ड मैडल दिलाया ,1972 में म्यूनिख ओलंपिक में गए । भारत के तो लगभग सभी खिताब जीते (हिन्द केसरी,भारत केसरी,महाभारत केसरी, भारत भीम,रुस्तम-ए-हिन्द) अर्जुन अवार्ड और पदमश्री। जाट रेजिमेंट में भी अपनी सेवा दी और उससे पहले आर्ट मास्टर होने की वजह से मास्टर चंदगीराम नाम से जाने गए।

जगदीश कालीरमन


बड़े बेटे जगदीश कालीरमन वर्ष 2001 से लेकर 2004 तक लगातार भारत केसरी रहे। 2001 से 2003 तक लगातार नेशनल चैंपियन बने।अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विभिन्न देशों में अपने भार वर्ग 120 किलो में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2004 में खेल कोटे से पुलिस में उप निरीक्षक बन गए, तो 2005 में मेडल लाने पर ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बने और फिर 2016 में डिप्टी एसपी। 


भारत मे महिला कुश्ती की नींव

पुरुष प्रधान खेल कुश्ती में महिला कुश्ती की नींव मास्टर जी ने 90 के दशक में रखी और अपनी बेटी सोनिका और दीपिका को लेकर मेट पर उतर गए साथ ही भारत में अनेक महिलाओं को कुश्ती के लिए तैयार किया। सोनिका ने 2002 दोहा एशियन गेम्स में भाग लिया लेकिन पदक नहीं जीत पाई हालांकि भारत की गीतिका जाखड़ एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रही।

सानिका कालीरमन औऱ दीपिका कालीरमन


सोनिका एशियन वूमैन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुकी हैं,इसके अलावा वह 10 बार नेशनल रेसलिंग चैंपियन, 3 बार नेशनल गेम्स रेसलिंग चैंपियन और 9 बार भारत केसरी का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं।

भारत की पहली हिंद केसरी भी स
सोनिका थी और दीपिका बनी भारत कुमारी ।

ओम कालीरमन


छोटा बेटा ओम कालीरामण भी नेशनल लेवल के पहलवान रहे और वर्तमान मे मॉडल है मिस्टर इंडिया रहे Mtv ऐस औफ स्पेस मे नजर आए ।

देवव्रत चौधरी


इनका धैवता देवव्रत चौधरी भी पहलवान और साथ ही दंगल और सुल्तान जैसी फिल्मों में पहलवान औऱ कई धारावाहिक में हनुमान के रूप में नजर आ चुके हैं। फोगाट बहनों के पिता महाबीर जी भी मास्टर जी के शिष्य थे और इन्हीं से प्रेरणा लेकर आपनी बेटियों को दंगल में उतारा 🙏 


भारतीय कुश्ती औऱ विशेषकर महिला कुश्ती को नई दिशा देने का काम मास्टर जी के परिवार ने किआ है साथ ही पूरे परिवार का आप शरीर देखें तो एवरेज लम्बाई ही पौने 6 फ़ीट निकल कर आयगी 😃 

बॉलीवुड में मास्टर चंदगीराम

मास्टर जी अपने आकर्षक शरीर और व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं और बॉलीवुड में भी उन्होंने अपनी चमक बिखेर मास्टर जी ने 2 फिल्मों(घटोत्कच औऱ टारजन)में भी कम किया था ।

मास्टर चंदगीराम अखाड़ा 

मास्टर जी अपने अंतिम दिनों तक कुश्ती से जुड़े रहे, जिस खेल ने उन्हें नाम और प्रसिद्धि दी।  उन्होंने दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित अपने 'अखाड़े' में नवोदित पहलवानों को प्रशिक्षित किया यमुना नदी के किनारे स्तिथ सिविल लाइन के चंदगीराम अखाड़े ने भारत को बहुत सारे प्रसिद्ध पहलवान दिए हैं। मास्टर द्वारा शुरू किए अखाड़े को अब उनके बड़े बेटे हिन्द केसरी जगदीश कालीरमन संचालित करते हैं 2017 में मास्टर जी की पुण्यतिथि पर अखाड़े में एक Ac हॉल का उद्घाटन किया गया जिसे मशहूर पहलवान सुशील कुमार ने ओलम्पिक स्तर का बताया था मास्टर चंदगीराम अखाड़ा भी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए आगे बढ़ा है ,अखाड़े के कुश्ती हॉल को वातानुकूलित बनाया गया है, जिसमें रेसलिंग मैट, बैटल रोप, टीआरएक्स, वीडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो विश्लेषण के द्वारा कुश्ती प्रशिक्षण, वातानुकूलित जिम, वैट ट्रेनिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। महिला और पुरुष पहलवानों के लिए वातानुकूलित छात्रावास भी हैं। भोजन का प्रबंध कुश्ती ट्रेनिंग के अनुकूल डाइटीशियन की निगरानी में किया जाता है।

मास्टर जी ने कुश्ती पर एक पुस्तक लिखी, " कुश्ती के दावपेंच"

मास्टर चंदगीराम गोल्ड कप 

29 जून 2010 में मास्टर चंदगीराम जी के  निधन के बाद से ही उनकी याद में प्रत्येक वर्ष मास्टर चंदगीराम गोल्ड कप का आयोजन किया जाता है जिससे नए प्रतिभाशाली 
खिलाड़ियों को मंच मिल सके ।