उत्तर प्रदेश विधानसभा में जाट विधायक


उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से यानी पश्चिम उत्तर प्रदेश को जाटलैंड कहा जाता है,पश्चिमी यूपी में एक मशहूर कहावत भी है- जिसके जाट, उसी के ठाठ. इसकी कई कहानियां चौधरी चरण सिंह से जुड़ी हैं, तो कई किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत से. ठाठ भी ऐसे कि टिकैत दहाड़ दें तो यूपी के सीएम वीर बहादुर सिंह सिसौली गांव दौड़े चले आएं, और 'बड़े चौधरी' साहब के बिना केंद्र में सरकार बन पाना मुश्किल हो जाता था. इन दोनों नेताओं ने 'जाटलैंड' में धर्म-जाति मुक्त किसान एकता और मुस्लिम-जाट जैसे मजबूत समीकरण को स्थापित किया था लेकिन कहीं ना कहीं 1992, 2002 और 2013 वो साल रहे जिन्होंने पश्चिमी यूपी के 'संप्रदायमुक्त किसान समाज' का सपना धुंधला कर दिया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पंद्रह से भी ज्यादा जिलों में जाट बिरादरी निर्णायक भूमिका में है। आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, बुलंदशहर, बरेली, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की तो सियासत भी इसी बिरादरी के इर्द-गिर्द घूमती है। मथुरा जनपद की पांचों विधानसभा क्षेत्र में जाट बहुतायत में हैं। 2017 में हुए विधानसभा के चुनावों में लगभग सभी सीटों पर जाटों ने भाजपा के पक्ष में खुलकर वोट भी किया जिसके परिणाम स्वरूप भाजपा की टिकट पर 14 जाट विधायक जीत कर उत्तरप्रदेश की विधानसभा में पहुंचे जबकि जाट वोट बैंक पर मजबूत पकड़ रखने वाली चौ अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल मात्र एक सीट (छपरौली)  पर सिमट कर रह गयी
यूपी में जाटों की आबादी 6 से 8% बताई जाती है, जबकि पश्चिमी यूपी में वो 17% से ज्यादा हैं. ऐसी 18 लोकसभा सीटें हैं: सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, नगीना, फतेहपुर सीकरी, और फिरोजाबाद जहां जाट वोट बैंक चुनावी नतीजों पर सीधा असर डालता है. विधानसभा की बात करें तो 120 सीटें ऐसी हैं जहां जाट वोटबैंक असर रखता है. फिलहाल संसद में 26 सांसद जाट हैं जिनमें सिर्फ 4 सांसद राजकुमार चाहर, सत्यपाल सिंह, हेमा मालिनी और संजीव बालियान यूपी से हैं. विधानसभा की बात करें तो फिलहाल 15 जाट विधायक हैं ,जिनमे 2 उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री है ।
अब हम आपको बताते उत्तर प्रदेश विधानसभा में जीत कर आये जाट विधायकों के बारे में

उत्तरप्रदेश विधानसभा में जाट विधायक

1. बुढ़ाना
पहली सीट है बुढाना की जहां से जीत कर आये भाजपा के चौ उमेश मलिक, उमेश मलिक मुजफ्फरनगर के डूंगर गांव से हैं इन्होंने सपा के प्रमोद त्यागी को हराया
उमेश मलिक


2. शामली
दूसरी सीट है शामली विधानसभा की जहां से जीत कर आये हैं भाजपा के चौ तेजिंदर निर्वाल
तेजिंदर शामली के माजरा गांव से हैं और इन्होने कांग्रेस के पंकज मलिक को हराया


3. बागपत
तीसरी सीट है बागपत विधानसभा की जहां से जीत कर आये है भाजपा के चौ योगेष धामा जोकि पहले रालोद में थे और जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे । ये ग़ाज़ियाबाद के बेहटा हाजीपुर गांव से हैं और इन्होंने बसपा के हमीद अहमद को हराया


4. बड़ौत चौथी सीट है बड़ौत विधानसभा की जहां से जीत कर आये है भाजपा के चौ कृष्णपाल मलिक जोकी बड़ौत के ही निवाशी हैं इन्होंने रालोद के साहब सिंह को हराया


5. सिवालखास
पांचवी सीट है सिवालखास विधानसभा की जहां से जीत कर आये है भाजपा के चौ जितेंद्र पाल सिंह जो की मेरठ के स्तवाई गांव से इन्होंने सपा के गुलाम मोहम्मद को हराया


6. गढ़मुक्तेश्वर
छटी सीट है गढ़मुक्तेश्वर की जहां से जीत कर आये है भाजपा के चौ कमल सिंह मलिक जो कि लोधीपुर गांव से इन्होंने बसपा के प्रशांत चौधरी को हराया

7. बुलंदशहर सातवीं सीट है बुलंदशहर सदर विधानसभा की जहां से जीत कर आये थे भाजपा के
स्व चौ बीरेंदर सिंह सिरोही
उत्तरप्रदेश में भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे पूर्व में राजस्व मंत्री भी रहे , बुलंदशहर जिले की अगौता सीट से कई बार चुनाव लड़े 2 बार विधायक भी बने अगौता सीट खत्म होने के बाद बुलंदशहर सदर सीट से चुनाव लड़ा और  2 बार से बसपा के विधायक मोहम्मद अलीम को हराया
2 मार्च 2020 को बीमारी के कारण म्रत्यु हो गई


8. फतेहपुर सीकरी
आठवी सीट है फतेहपुर सीकरी की जहां से जीत कर आये है भाजपा के चौ उदयभान सिंह जो कि धांधूपुरा गांव से है वर्तमान उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री हैं इन्होंने
यहाँ के बसपा से विधायक सूरजपाल सिंह को हराया


राजस्थान और मध्यप्रदेश के जाट विधायक

9. छाता
नवमी सीट है छाता विधानसभा की यहां से जीत कर आये हैं भाजपा के चौ लक्ष्मीनारायण बेनीवाल जो कि गांव सींचेली से है और वर्तमान यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री(5 मंत्रालय) जाटों के वरिष्ठ नेता पहले भी बसपा सरकार मे मंत्री रह चुके हैं इन्होंने
निर्दलीय अतुल सिंह को बड़े अंतर से हराया


10. बिजनौर दसवीं सीट है बिजनोर विधानसभा की जहां से जीत कर आई है भाजपा की सूची चौधरी इन्होंने समाजवादी पार्टी की रुचि वीरा को हराया व बनी यूपी की सबसे कम उम्र की महिला( 27) विधायक ऐतिहासिक जीत दर्ज की

11. कांठ ग्याहरवीं सीट है कांठ विधानसभा की जहां से जीत कर आये भाजपा के चौ राजेश कुमार सिंह इन्होंने सपा के अनीसुर्रहमान को करीब अंतर से हराया

12. मोदीनगर
बारहवीं सीट है मोदीनगर विधानसभा की जहां से जीत कर आई हैं भाजपा की
डॉ मंजू सिवाच इन्होंने
बसपा के वहाब चौधरी को बडे अंतर से हराया


13. स्योहारा
तेहरवीं सीट है स्योहारा की जहां से जीत कर आये है भाजपा के
चौ अशोक कुमार राणा इन्होंने
सपा के मूलचंद चौहान को हराया

14.छपरौली
चौहदवीं सीट है छपरौली विधानसभा की जोकि चौधरी परिवार का गढ़ है हमेशा से ही यहाँ लोकदल का विधायक बनता आया है 2017 में यहां से जीत कर आये रालोद की टिकट पर चौ सहेंद्र रमाला (लाकड़ा)
जो कि रमाला गांव से है
इन्होंने बसपा के सतेंद्र सिंह को हराया पूरे प्रदेश में रालोद से जीत कर आने वाले एक मात्र विधायक 2018 में राजसभा चुनाव के दौरान भाजपा के पक्ष में क्रोसवोटिंग की जिसके परिणामस्वरूप इन्हें रालोद से निष्कासित करदिया गया


15.बिलासपुर

पन्द्रहवीं सीट है बिलासपुर विधानसभा की जहां से जीत कर आये है भाजपा के चौ बलदेव सिंह औलख इन्होंने कांग्रेस के संजय कपूर को हराया ये यूपी से जीतने वाले एक मात्र सिख जाट विद्यायक हैं।
औऱ उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक राज्य मंत्री भी हैं।


इस तरह कुल 15 जाट विधायक वर्तमान उत्तर प्रदेश विधानसभा में है जिनमे 14 वैदिक धर्मी हिन्दू जाट है तो 1 सिख जाट हैं ।



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