जाट राज्यपाल और उपराज्यपाल 

Jat Governor and Lieutenant Governor
 
आज हम आपको बता रहें जाट समाज के उन व्यक्तियों के बारे में जो भारत के विभिन्न राज्यों मे राज्यपाल औऱ उपराज्यपाल पद पर अपनी सेवाएं दे रहे है या दे चुके हैं वर्तमान समय मे जाट समाज से 3 राज्यपाल है यो कुल मिलाकर बात करें तो 15 जाट राज्यपाल और उपराज्यपाल पद पर अपनी सेवाएं दे चुके है चलो आपको बताते है कौन हैं वो सख्सियत :-


1.सत्यपाल मलिक

सबसे पहला नाम है आपके और हमारे सबके चहेते वर्तमान में गोआ के महामहिम राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक जी सत्यपाल मलिक जी 4 राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं बिहार,ओडिसा ,जम्मू कश्मीर और वर्तमान में गोआ ।
अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक ये बिहार के राजयपाल रहें इसी बीच मे मार्च 2018 में इनको ओडिसा के राज्यपाल का भी अतिरिक्त भार सौंपा गया, अक्टूबर 2018 में इन्हें जम्मू कश्मीर जैसे सवेंदनशील राज्य का राज्यपाल बना कर भेजा गया इनकी कार्य कुशलता औऱ अनुभव को देखतें हए और बाद में जो हुआ वो एक इतिहास है जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का श्रेय इन्हीं को जाता है

2.आचार्य देवव्रत


दूसरे नम्बर पर हैं वर्तमान में गुजरात के महामहिम  राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी 
आचार्य देवव्रत मूलरूप से पानीपत जिले के पावटी गांव के रहने वाले हैं। इनका असली नाम सुभाष है और घाल्याण गोत्र के जाट हैं ही सुभाष जी स्वामी दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों से प्रभावित रहे और आर्य समाज से जुड़ गए। 1981 गुरुकुल कुरुक्षेत्र के आचार्य देवव्रत बन गए।
12 अगस्त 2015 को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बने और 4 साल तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी उसके बाद 22 जुलाई 2019 से गुजरात प्रदेश में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दे रहें है।

3.जगदीप धनखड़

तीसरा नम्बर पर हैं जगदीप धनखड़ जी जोकि वर्तमान में पश्चिम बंगाल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल हैं जगदीप जी राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव से हैं पूर्व में झुंझुनूं से सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे किसनगढ़ सीट से विधायक भी रहें और राजस्थान में जाटों को ओबीसी आरक्षण दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई जाट महासभा आरक्षण समिति के प्रवक्ता भी रहे । सुप्रीम कोर्ट के वकील रहें धनखड़ जी को 2019 जुलाई से पश्चिम बंगाल प्रदेश में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


4.कमला बेनीवाल



चौथे नम्बर पर है श्रीमती कमला बेनीवाल जी  जोकि तीन प्रदेशों की राज्यपाल रह चुकी हैं राजस्थान के झुंझुनू जिले के गाँव गोरीर में मान गोत्र के जाट परिवार में जन्मी 1954 में कमला 27 वर्ष की उम्र में विधान सभा चुनाव जीत कर राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं। वे अशोक गहलोत की सरकार में गृह, शिक्षा और कृषि सहित कई विभागों की मंत्री रहीं। वे राज्य की उप-मुख्यमंती भी रहीं। वे लम्बे समय तक राजस्थान कांग्रेस में राज्य सरकार में कई महत्वपूर्ण पद सम्भाल चुकी हैं। अकटुबर 2009 में त्रिपुरा प्रदेश की राज्यपाल बनी त्रिपुरा में उनका कार्यकाल बेहद कम दिनों का रहा और 27 नवम्बर को ही उन्हें गुजरात का राज्यपाल बना दिया गया 5 साल गुजरात की राज्यपाल रहने के बाद इन्हें 6 जुलाई 2014 को इन्हें मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया वहाँ ही मात्र 1 महीने का ही इनका कार्यकाल रहा।

5.बलराम जाखड़

पांचवा नाम है वरिष्ठ किसान नेता चौ बलराम जाखड़ जी का जोकि मध्यप्रदेश और गुजरात के महमहिम राज्यपाल रहे
पंजाब के फिरोजपुर जिले के पँचकोसी गाम में जन्मे बलराम जाखड़ किसानो के बड़े नेता थे उनके नाम लोकसभा अध्यक्ष के रुप में सबसे लंबा 9 साल का कार्यकाल का रिकॉर्ड भी है  वह 1980 से 89 तक लोकसभा अध्यक्ष रहें 

30 June 2004 से  29 June 2009 तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे
2 Jul 2004 से 24 Jul 2004 तक गुजरात के भी राज्यपाल पद पर रहे।

6.डॉ. सरूपसिंह हुड्डा

छटा नाम है डॉ. सरूपसिंह हुड्डा जी का जोकि रोहतक के सांघी गांव से थे
12 February 1990 से 20 November 1990 तक केरल के राज्यपाल रहे 
21 Dec 1990 से 1 Jul 1995 तक गुजरात के राज्यपाल रहे 
इसी बीच 26 August 1991 से 5 February 1992 राजस्थान के भी राज्यपाल रहे

7.सुरजीत सिंह बरनाला

सांतवा नाम है सुरजीत सिंह बरनाला  जी का जोकि तीन राज्यों के राज्यपाल और 2 केंदशासित प्रदेश के उपराज्यपाल रहे 
अटेली गांव से थे धालीवाल गोत्र के जाट थे पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहे।
December 1990 से 18 March 1993 तक अंडमान निकोबार दिप समूह के उपराज्यपाल रहे

9 November 2000 से  7 January 2003 तक उत्तराखंड के पहले राज्यपाल रहे
 3 January 2003 से 3 November 2004 तक आंध्रप्रदेश के राज्यपाल रहे 
3 November 2004 से 31 August 2011 तक तमिलनाडु के राज्यपाल रहे 
इसी बीच 9 April से 27 July 2009 तक पाण्डिचेरी के उपराज्यपाल भी रहे।

8.हरचरण सिंह बराड़

आठवा नाम है हरचरण सिंह बराड़ जी का 
जोकि पंजाब के मुख्यमंत्री भी थे साथ ही 2 राज्यों में राज्यपाल भी रहे
7 February 1977 से  22 September 1977 तक ओडिसा के राज्यपाल रहे 
24 September 1977 से 9 December 1979 तक हरयाणा के राज्यपाल रहे ।


9.सुल्तान सिंह

अगला नाम है चौ सुल्तान सिंह जी का जोकि निजामपुर माजरा गांव से थे गहलोत गोत्र के जाट थे पहले आर्मी में थे उसके बाद  पंजाब के MLC भी रहे 3 बार इन्हें राज्यसभा सांसद भी बनाया गया।
12 July 1989 से 11 February 1990 तक त्रिपुरा के राज्यपाल रहे ।

10.रणधीर सिंह


दसवां नाम है चौ रणधीर सिंह जी का जोकि सोनीपत के भाइयांपुर गांव से सरोहा गोत्र के जाट थे रोहतक लोकसभा से सांसद भी रहे ।
10 February 1996 से 17 May 2001 तक सिक्किम के राज्यपाल भी रहे।

11.सरदार हुकुम सिंह 

ग्यारवां नाम है सरदार हुकुम सिंह जी का जोकि पंजाब से थे लोकसभा के अध्यक्ष भी रहे 16 April 1967 से 1 July 1972 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे।


12.डॉ वीरेंदर वर्मा 

बाहरवा नाम है डॉ वीरेंदर वर्मा जी का 
वीरेंदर वर्मा जी भारतीय राजनीतिक क्षेत्र में एक जाट राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे। जोकि उत्तर प्रदेश के शामली से थे और निर्वाल गोत्र के जाट थे । वीरेंदर वर्मा जी भी 2 प्रदेशों के राज्यपाल रहे पँजाब और हिमाचल प्रदेश ।

उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक (14 June 1990 से 18 December 1990) के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल (20 December 1990 से 29 January 1993) के रूप में कार्य किया।

अब बात करते है उपराज्यपालो की तो

13. हर सरूप सिंह दलाल

तेहरवां नाम है चौ हर सरूप सिंह दलाल जी का जोकि चौधरी चरण सिंह हरयाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइसचांसलर भी रहे ।


19 Dec 1990 से 5 Feb 1993 पुडुचेरी के उपराज्यपाल रहे।

14.चंद्रावती सयोराण


चौहदवां नाम है श्रीमती चंद्रावती सयोरण जी का जोकि हरियाणा भिवानी के डालुवास गांव से हैं जोकि हरियाणा से चुनी जाने वाली पहली महिला विधायक भी है 6 बार MLA और 1 बार लोकसभा सांसद चुनी गई 19th Feb. 1990 से 13th Dec.l990. तक पुडुचेरी की उपराज्यपाल भी रही।

15.अर्जन सिंह औलख

पंद्रहवाँ नाम है भारतीय वायु सेना के 
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह औलख जी का। । औलख जी 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक वह वायुसेनाध्यक्ष (सीएएस) थे, और 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था । 
औलख जी Dec 1989  से Dec 1990 तक दिल्ली के उपराज्यपाल भी रहे।